कान में ज्यादा आवाज जाने या सुनने पर क्या होता है?

 

कान में ज्यादा आवाज जाने या सुनने पर क्या होता है?

कान एक बेहद संवेदनशील अंग है जो हमारे शरीर में सुनने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। इसका मुख्य कार्य ध्वनियों को पकड़ना, उन्हें मस्तिष्क तक पहुंचाना और उसे समझना है। लेकिन जब कान में ज्यादा आवाज जाती है, तो यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कान में ज्यादा आवाज सुनने से क्या होता है और इसे कैसे रोका जा सकता है।


कान के संरचना और कार्य की समझ


कान तीन मुख्य हिस्सों में बंटा होता है:


1. बाहरी कान (Outer Ear): यह हिस्सा ध्वनियों को पकड़ता है और उन्हें कान के आंतरिक हिस्से तक पहुंचाता है। इसमें *पिनना* और *कान की नहर* शामिल होते हैं।

2. मध्यम कान (Middle Ear): यह हिस्सा कान के पर्दे (Tympanic Membrane) और हड्डियों (Ossicles) से बना होता है, जो ध्वनि तरंगों को बढ़ाता है और आंतरिक कान तक पहुंचाता है।

3. आंतरिक कान (Inner Ear): यह हिस्सा ध्वनि को विद्युत संकेतों में बदलकर मस्तिष्क को भेजता है।


 अधिक आवाज का प्रभाव


जब कान में अत्यधिक आवाज जाती है, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। ज्यादा ध्वनि का प्रभाव *हियरिंग लॉस (Hearing Loss) से लेकर अन्य कान की समस्याओं तक हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख प्रभाव दिए गए हैं:


 1. श्रवण हानि (Hearing Loss)


कान में ज्यादा आवाज के कारण मुख्य रूप से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। *लाउड नॉइज़* (Loud Noise) से कान के *कॉक्लिया* (Cochlea) में मौजूद *हेयर सेल्स* (Hair Cells) क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। ये हेयर सेल्स आवाज को विद्युत संकेतों में बदलते हैं। जब ये क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो श्रवण क्षमता में कमी आ सकती है, जो कभी-कभी स्थायी भी हो सकती है। 


 2. टिनिटस (Tinnitus)


टिनिटस वह स्थिति है जिसमें कान में बजने, गूंजने, या सीटी की आवाज सुनाई देती है, जबकि बाहरी कोई आवाज नहीं होती। यह स्थिति अक्सर ज्यादा आवाज सुनने के कारण होती है। यह सुनने की क्षति के साथ-साथ मानसिक तनाव और चिंता का कारण बन सकती है।


3. कान में दबाव और दर्द (Ear Pressure and Pain)


अत्यधिक ध्वनियाँ, खासकर शोरशराबे वाले वातावरण में लंबे समय तक रहने से कान में दबाव और दर्द हो सकता है। यह समस्या अस्थायी हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है।


 4. आंतरिक कान की क्षति (Inner Ear Damage)


अत्यधिक शोर का प्रभाव केवल बाहरी कान तक सीमित नहीं रहता। यह आंतरिक कान की संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे कि *ऑटोकोस्टिक एमिशन* (Otoacoustic Emission) को प्रभावित करना, जिससे मस्तिष्क तक आवाज का सही संचार नहीं हो पाता।


 कान में ज्यादा आवाज क्यों जाती है?


कान में आवाज जाने के कारण कई हो सकते हैं:


1. शोरशराब वाले स्थानों पर रहना: जैसे निर्माण कार्य, म्यूजिक कंसर्ट्स, या किसी तेज़ आवाज वाले स्थान पर काम करना।

2. हेडफोन का अत्यधिक प्रयोग: लंबे समय तक हेडफोन पर तेज़ आवाज सुनने से कान में दबाव बढ़ सकता है।

3. मशीनरी या औद्योगिक कार्य: जो लगातार तेज आवाज उत्पन्न करती हैं, उनका संपर्क कानों से बहुत हानिकारक हो सकता है।

4. शराब और धूम्रपान: इन आदतों के कारण कान की संरचना में बदलाव आ सकता है और सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।


 कान में ज्यादा आवाज को कैसे रोका जाए?


1. सुनवाई सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें: यदि आप शोरशराब वाले स्थान पर काम कर रहे हैं, तो कान की सुरक्षा के लिए earplugs या earmuffs का उपयोग करें।

2. हेडफोन की आवाज कम रखें: हेडफोन का उपयोग करते समय आवाज को 60% तक सीमित रखें और 60 मिनट से ज्यादा समय तक इसका उपयोग न करें।

3. सुनवाई ब्रेक लें: लंबे समय तक तेज आवाज सुनने के बाद कान को आराम दें, ताकि उसे पुन: सामान्य होने का मौका मिले।

4. सामान्य शोर से बचें: शोरशराब वाले वातावरण से जितना हो सके बचें, खासकर ऐसे स्थानों पर जहां अत्यधिक शोर होता है।

5. सुनने की जांच करवाएं: नियमित रूप से सुनने की जांच कराना आवश्यक है, खासकर अगर आपको लगता है कि आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है।


 कान की देखभाल कैसे करें?


1. कान को साफ रखें: कान की सफाई करते समय ध्यान रखें कि आप कान में किसी प्रकार के शार्प वस्तु का प्रयोग न करें, जिससे कान की संरचना को नुकसान पहुंचे।

2. स्वस्थ आहार का सेवन करें: अच्छी सुनवाई के लिए आयरन, जिंक, और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।

3. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: शराब और धूम्रपान से दूर रहें क्योंकि ये सुनने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।


 निष्कर्ष

कान में ज्यादा आवाज सुनने से सुनने की क्षमता में स्थायी क्षति हो सकती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम कानों की सुरक्षा के उपायों का पालन करें और शोरशराबे वाले वातावरण में जाने से बचें। यदि आपको लगता है कि आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है, तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। कान की देखभाल से हम अपने सुनने की क्षमता को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।



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